दाऊ @bhupeshbaghel की तानाशाही में अधिकारी प्रदेश को पुश्तैनी जागीर समझ बैठे हैं।
आज भीषण गर्मी में लोग टैंकरों के भरोसे हैं, पीने तक के पानी की व्यवस्था नहीं है। वहीं अधिकारी अपने मोबाईल के लिए लगभग 21 लाख लीटर पानी बहा रहे हैं इतने में डेढ़ हजार एकड़ खेत की सिंचाई हो सकती थी। pic.twitter.com/lw9F4xdzY9