आर्थिक मोर्चे पर इस सरकार की विफलता को दर्शाती यह एक और रिपोर्ट है। देश में 2022-23 में कुल 2.43 लाख नौकरियां घट गई हैं। 375 कंपनियों में भारी छंटनी हुई है।
स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री हवा हवाई ढंग से कभी हर साल 2 करोड़ नौकरी देने तो कभी 80 मिलियन नौकरियां पैदा करने की… pic.twitter.com/q9ubxdh7Hg